आप की खातिर से हम करते है
जब्ते-इज्तिराब,
देखकर बेताब मुझको और घबराते हैं आप।
-बहादुरशाह जफर
1.
जब्ते-इज्तिराब
- बेचैनी या बेकरारी पर काबू 2.
बेताब -
व्याकुल, बेचैन
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उनको इन्साँ मत समझ, हो सरकशी जिनमें 'जफर'
खाकसारी के लिये है खाक से इन्साँ बना।
-बहादुर शाह 'जफर'
1.
सरकशी
- (i) उद्दंडता,
उज्जड़पन, अशिष्टता (ii) अवज्ञा, हुक्मउदूली (iii) विद्रोह, बगावत 2.
खाकसारी
- विनम्रता 3. खाक - (i) फूल, रज, गुबार, गर्द (ii) मिट्टी (iii) भूमि,
जमीन
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उम्रे-दराज मॉंगकर लाये थे चार दिन
दो आरजू में कट गये, दो इन्तिजार में
कितना है बदनसीब 'जफर' दफ्न के लिये
दो गज जमीं भी न मिली कू-ए-यार में।
-बहादुर शाह 'जफर'
1. उम्रे-दराज
- लंबी, तवील 2. कू-ए-यार -
प्रेमिका की गली