शेर-ओ-शायरी

फैज अहमद 'फैज' (Faiz Ahmed Faiz)

आते-आते आयेगा उनको खयाल,
जाते - जाते बेखयाली जायेगी।

-फैज अहमद 'फैज'


1. बेखयाली - बेखुदी, बेखबरी


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इक तर्जे-तगाफुल है सो वह उनको मुबारक,
इक अर्जे-तमन्ना है, सो हम करते रहेंगे।

-फैज अहमद 'फैज'


1. तर्जे-तगाफुल - उपेक्षा या बेतवज्जुही की आदत या स्वभाव 2. अर्जे-तमन्ना - ख्वाहिश या आरजू की अभिव्यक्ति


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आते-आते आयेगा उनको खयाल,
जाते - जाते बेखयाली जायेगी।

-फैज अहमद 'फैज'


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कर रहा था गमे-जहाँ का हिसाब,
आज तुम याद बेहिसाब आये।

-फैज अहमद 'फैज'