शेर-ओ-शायरी

मजरूह सुल्तानपुरी (Majrooh Sultanpuri)

अलग बैठे थे फिर भी आँख साकी की पड़ी मुझ पर,
अगर है तिश्नगी कामिल तो पैमाने भी आयेंगे।

-मजरूह सुल्तानपुरी


1. तिश्नगी - (i) प्यास, पिपासा, तृष्णा (ii) लालसा, अभिलाषा, इश्तियाक 2. कामिल - पूरा, सम्पूर्ण, मुकम्मल 3. पैमाने - शराब का गिलास, पानपात्र