शेर-ओ-शायरी

'साहिर' लुधियानवी (Sahir Ludhianavi)

उभरेंगे एक बार अभी दिल के वलवले,
गो दब गए हैं बारे-गमे-जिन्दगी से हम।

-'साहिर' लुधियानवी


1. वलवले - उत्साहस, हौसला, उम्मीद 2. बारे - बोझ, भार, वजन


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उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,
गर हौसला है तो हर मौज में किनारा है।

-'साहिर' लुधियानवी


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अभी जिन्दा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ खल्वत में,
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने।

-'साहिर' लुधियानवी


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अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।

-साहिर लुधियानवी