अब उतर आये है
वह तारीफ पर,
हम जो आदी हो गये दुश्नाम के।
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अब वो मिलते भी हैं तो यूँ की कभी,
गोया हमसे कुछ वास्ता न था।
-हसरत मोहानी
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आज वो मेहरबाँ से लगते हैं,
कोई वादा वफा न हो जाये।
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आते-आते आयेगा
उनको खयाल,
जाते - जाते बेखयाली जायेगी।
-फैज अहमद 'फैज'
1.बेखयाली - बेखुदी, बेखबरी
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