अगर मुझसे टूटा
है पैमाने-उल्फत,
तुम्हारी नजर क्यों झुकी जा रही है।
1. पैमाने-उल्फत -मुहब्बत
का प्याला
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अपनी तबाहियों का
मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
-साहिर लुधियानवी
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अपने लुटने का
मुझको रंज नहीं, गम अगर है तो सिर्फ इतना,
मेरे किरदार की शराफत से उसने जो फायदा उठाया हैं।
-वैग इलाहाबादी
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अपने वो रहनुमा हैं कि मंजिल तो दरकनार,
कांटे रहे - तलब में बिछाते चले गए।
-असर लखनवी
1.रहनुमा - मार्ग दिखाने वाला,
प्रथ-प्रदर्शक
2. दरकनार - एक
तरफ,अलग
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