जो गमे-हबीब से दूर थे,
वो खुद अपनी आग में जल गये,
जो गमे-हबीब को पा गये तो गमों से हंस के निकल गये।
-शायर लखनवी
1.गमे-हबीब - प्रेमिका या दोस्त का गम
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जो तू गमख्वार हो जाये तो गम क्या,
जमाना क्या, जमाने के सितम क्या।
-त्रिलोकचन्द महरूम
1 गमख्वार - हमदर्द, सहानुभूति करने वाला, दुख-दर्द बांटने वाला
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तय होंगे जिन्दगी के कड़े कोस किस तरह,
जब तुम ही इस सफर में
मेरेहमसफर
नहीं।
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तुम सलामत रहो
हजार बरस,
हर बरस के दिन हों पचास हजार।
-मिर्जा गालिब
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