नशेमन ही के लुट
जाने का गम होता तो क्या गम था,
यहां तो लूटने वालों ने गुलशन बेच डाला है।
1. नशेमन - घोंसला, नीड़
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परीशाँ होने वालों को सुकूं कुछ भी मिल
भी सकता है,
परीशां करने वालों की परीशानी कभी नहीं जाती।
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बहाना मिल न जाए
बिजलियाँ को टूट पड़ने का,
कलेजा कांपता है आशियाँ को आशियाँ कहते ।
-असर लखनवी
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बहार आते ही खुद
अहले-चमन ने जिस तरह लूटा,
खिजाँ ने की न होगी उस तरह गुलशन की पामाली।
1. अहले-चमन -
चमन वालों ने 2. पामाली -
बर्बादी
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