शेर-ओ-शायरी

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 लूट लेता हैं वही राह में मौका पाकर,
बात अक्सर जो किया करता है रहबर जैसे।


1.रहबर - रास्ता दिखाने वाला, पथप्रदर्शक

 

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वही इन्साँ जिसे सरताजे - मख्लूकात होना था,
वही अब सी रहा है अपनी अज्मत का कफन साकी।

-जिगर मुरादाबादी

1.सरताजे–मख्लूकात - सारी सृष्टि का शिरोमणि, संसार में जितनी चीजें हैं, उनका स्वामी 2.अज्मत - (i) महत्व, अहमीयत, बड़प्पन

(ii) सम्मान, आदर, इज्जत

 

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हजारों नगमा-ए-दिलकश मुझे आते हैं ऐ बुलबुल,
मगर दुनिया ही हालत देखकर चुप हो गया हूँ मैं।

-आसी उल्दानी


1.दिलकश -मनोहर, चिताकर्षक, दिल को अपनी ओर
खींचने वाला।

 

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