शेर-ओ-शायरी

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कौन लेता है अंगड़ाइयाँ,
आसमानों को नींद आती है।
-'फिराक' गोरखपुरी

 

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क्या जाने लिख दिया उसे क्या इज्तिराब में,
कासिद की लाश आई है खत के जवाब में।
-मोमिन खाँ मोमिन
 

1.इज्तिराब - (i) व्याकुलता, बेचैनी, बेताबी (ii) जल्दबाजी, व्यग्रता
2.कासिद - (i) चिट्ठी ले जाने वाला, पत्र-वाहक, डाकिया (ii) दूत, एलची

 

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क्या पूछते हो शोख निगाहों का माजरा,
दो तीर थे जो मेरे जिगर में उतर गये।

 

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कैफियते-चश्म उसकी मुझे याद है 'सौदा',
सागर को मेरे हाथ से लीजे कि मैं चला।
-सौदा

1. कैफियते-चश्म - आँखों का नशा 2.सागर - पियाला

 

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