इस सादगी पै कौन न मर जाये ऐ खुदा,
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
-'मिर्जा' गालिब
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उन आंखों की हालत
कुछ ऐसी है,
जैसे उठे मैकदे से कोई चूर होकर।
-अब्दुल हमीद 'अदम'
1. मैकदा- शराबखाना, मदिरालय
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उन लबों पै झलक
तबस्सुम की,
जैसे निकहत में जान पड़ जाये।
-असर लखनवी
1.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट,
मन्दहास 2. निकहत - खुश्बू,
सुगन्ध
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उनका तगाफुल उनकी तवज्जो,
एक दिल, उस पै लाख तहल्के।
-अदा जाफरी
1.तगाफुल - उपेक्षा, वेबवज्जुही
2.तवज्जो - विशेष ध्यान
3.तहल्का- (i) कोलाहल, कोहराम (ii)
खलबली, हलचल
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