कितने कांटों
की बद्दुआ ली है
चन्द कलियों की जिन्दगी के लिए।
-शहीद फातिमी
*****
किसी चमन में बस
इस खौफ से न गुजर हुआ,
किसी कली पै न भूले से पांव रख दूं।
-नदीम कासिमी
*****
कीजिए और कोई
जुल्म अगर जिद है यही,
लीजिए और मेरे लब पै दुआएं आईं
-जिगर मुरादाबादी
*****
कुछ और तो नहीं
मेरे गरीब दामन में,
अगर कबूल हो तो जिन्दगी दे दूँ।
*****
page
-1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24 Next >>