अपने
मरने का गम नहीं लेकिन,
हाय तुमसे जुदाई होती है।
-मिर्जा गालिब
*****
अब तुमसे रूखसत
होता हूँ, लो संभालो यह साज,
नये तराने छोड़ो कि मेरे नग्मों को नींद आती है।
-फिराक गोरखपुरी
*****
अब तो चलते
हैं बुतकदे से ऐ 'मीर',
फिर मिलेंगे गर खुदा लाया।
-मीरतकी मीर
1.बुतकदे- मंदिर, मूर्तिगृह, बुतखाना
*****
अब बुझा दो ये
सिसकते हुए यादों के चराग,
इनसे कब हिज्र की रातों में उजाला होगा।
-खलीलुर्रहमान आजमी
1.हिज्र - वियोग, जुदाई
*****