शेर-ओ-शायरी

जुस्तजू (Quest)   Next >>

आये भी लोग, गये भी, उठ भी खड़े हुए,
मैं जा ही देखता तेरी महफिल में रह गया।

-यगाना चंगेजी


1. जा - स्थान, जगह

 

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कभी आशियाँ की तमन्ना मुसलसल,
कभी आशियाँ तक गये, लौट आये।

-कमर शेरवानी

 

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कश्ती को भंवर में घिरने दो, मौजों के थपेड़े सहने दे,
जिन्दों में अगर जीना है तुम्हें, तूफान की हलचल रहने दे।

-सागर

 

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कहा था सबने, डूबेगी यह कश्ती,
मगर हम जानकर बैठे उसी में।

-खलीक बीकानेरी
 

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