आये भी लोग, गये
भी, उठ भी खड़े हुए,
मैं जा ही देखता तेरी महफिल में रह गया।
-यगाना चंगेजी
1. जा - स्थान, जगह
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कभी आशियाँ की
तमन्ना मुसलसल,
कभी आशियाँ तक गये, लौट आये।
-कमर शेरवानी
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कश्ती को भंवर
में घिरने दो, मौजों के थपेड़े सहने दे,
जिन्दों में अगर जीना है तुम्हें, तूफान की हलचल रहने दे।
-सागर
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कहा था सबने,
डूबेगी यह कश्ती,
मगर हम जानकर बैठे उसी में।
-खलीक बीकानेरी
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