आप के लिए गुनाह ही सही,
मैं पीऊं तो सवाब बनता है।
सौ गमों को निचोड़ने के बाद,
एक कतरा शराब बनती है।
-'साहिर' होशियारपुरी
1.सवाब
- पुण्य
*****
'आरजू' जाम लो, झिझक कैसी,
पी ली और दहशते-गुनाह गई।
-'आरजू' लखनवी
*****
एक ही दोस्त
और उससे भी छुड़वाते हो,
नासेहों अब तुम्हें दुश्मन कहें, या दोस्त बताओ।
-'ख्वाजा' हाली
1.नासेह- शराब न पीने की नसीहत देने
वाला
*****
ऐ हजरते-नासेह,
हमें इल्जाम न दीजे,
इस उम्र में कुछ आप भी नादान रहे हैं।
-'कतील' शिफाई
*****
<<
Previous page
-1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21
Next >>