शेर-ओ-शायरी

<< Previous  मोहब्बत (Love) Next>>

मुझे अपनी पस्ती का शर्म है, तेरी रफअतों का खयाल है,
मगर अपने दिल का क्या करूँ, इसे फिर भी शौके-विसाल है।
-अख्तर शीरानी


1.पस्ती - लघुता, छोटा होना, निचाई 2.रफअत - (i) उचाई
(ii) श्रेष्ठता, उत्तमता, शराफत, बड़प्पन 3. विसाल - मिलन

 

*****

 

मुझे गम भी उनका अजीज है,
कि उन्हीं की दी हुई चीज है।

-शकील बदायुनी
 

*****


मुझे तमाम जमाने की आरजू क्यों हो,
बहुत है मेरे लिये इक आरजू तेरी।

-जलील मानिकपुरी

 

*****

 

मुझे  तो  तेरी जुल्फों  का महकना याद आता है,
तुझे  भी  मेरी अश्कों  की रवानी याद आती  है।

-शकील बदायुनी

 

1.रवानी-प्रवाह, बहाव, धार

 

*****

 

<< Previous  page -1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28-29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45-46-47-48-49-50-51-52-53-54-55-56-57-58-59-60-61-62-63-64-65-66-67-68-69-70-71-72-73-74-75-76-77-78-79-80-81-82-83-84-85-86-87-88-89-90-91-92-93-94-95-96-97-98-99-100-101-102-103-104-105-106-107-108-109-110-111-112-113-114-115-116-117-118-119-120-121-122-123-124-125-126-127-128-129-130-131-132-133-134-135-136-137-138-139-140-141-142-143-144-145-146-147-148-149-150-151-152-153-154-155-156-157-158-159-160      Next>>