मैं इन्तिजार करूँगा तेरा कयामत तक,
खुदा करे कि कयामत हो और तू आये।
-युसुफ जफर
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मैं उनमें
हूँ जो होकर आस्ताने-दोस्त से महरूम,
लिये फिरते हैं सिज्दों की तड़प अपनी जबीनों में।
-अख्तर अंसारी
1.आस्ताना - चौखट, दहलीज
2.महरूम - (i) वंचित रहना, न पाना,
प्राप्त न होना (ii) निराश, नाउम्मेद (iii) अभागा, बदकिस्मत
3.सिज्दा - ईश्वर के लिए सर झुकाना, नमाज में जमीन पर सर रखना
4.जबीन -माथा, ललाट, पेशानी, भाल
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मैं
जानता हूँ आप का वादा गलत नहीं,
पर दिल को एतबार न आए तो क्या करें।
-अब्दुल हमीद 'अदम'
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मैं तो इस सादगी-ए-हुस्न पै सदके उसके,
न जफा आती है जिसको न वफा आती है।
-जिगर मुरादाबादी
1.जफा - जुल्मो-सितम
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