जादू है या तिलिस्म है तुम्हारी जुबान में,
तुम झूठ कह रहे थे, मुझे एतिबार था।
-बेखुद देहलवी
1.तिलिस्म - (i) माया, इंद्रजाल,
जादू (ii) दृष्टिबंध, नजरबंदी
*****
जानता हूँ यह कि अर्जे-शौक है तौहीने-दिल,
फिर भी अर्जे-शौक़ पै मजबूर हो जाता हूँ मैं।
-मुनव्वर लखनवी
1.तौहीन - अपमान, अनादर, तिरस्कार,
बेइज्जती
2. अर्जे-शौक़ -
अपनी चाहत का बयान करना।
*****
जाना पड़ा रकीब के दर पर हजार बार,
ऐ काश! जानता न तेरी रहगुजर को मैं।
-मिर्जा गालिब
1.रकीब - एक स्त्री से प्यार करने वाले
दो व्यक्ति परस्पर रकीब होते
हैं। 2.रहगुजर - राह, पथ
*****
जाहिरा दुनिया जिसे महसूस कर सकती नहीं,
हो गई है मुझमें एक ऐसी कमी तेरे बगैर।
वो बज्म देखी है मेरी निगाह ने कि जहाँ,
बगैर शम्अ भी जलते रहते हैं परवाने।
-गुलाम मुस्तफा तबस्सुम
1.जाहिरा - देखने में 2.बज्म -
महफिल
*****
<< Previous page - 11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28-29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45-46-47-48-49-50-51-52-53-54-55-56-57-58-59-60-61-62-63-64-
65-66-67-68-69-70-71-72-73-74-75-76-77-78-79-80-81-82-83-84-85-86-87-88-89-90-91-92-93-94-95-96-97-98-99-100-101-102-103-
104-105-106-107-108-109-110-111-112-113-114-115-116-117-118-119-120-121-122-123-124-125-126-127-128-129-130-131-132-133-134-135-136-137-138-139-140-141-142-143-144-145-146-147-148-149-150-151-152-153-154-155-156-157-158-159-160 Next>>