फैला है हुस्ने-आरिजे-रौशन नकाब
में,
क्या-क्या तड़प रही है तजल्ली हिजाब में।
-साकिब लखनवी
1.हुस्ने-आरिजे-रौशन
- उज्जवल गाल का सौन्दर्य
2. नकाब
- घूँघट, मुखावरण, मुखपट, बुर्का
3.तजल्ली
- प्रकाश, आभा, नूर
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बताइए रहेगी शम्अ
किस तरह हिजाब में,
यह क्या समझ के हुस्न को छुपाया है निकाब में।
-'साकिब' लखनवी
1.हिजाब
- (i)आड़, पर्दा, ओट (ii) लज्जा , लाज, शर्म
2. निकाब - मुखावरण, मुखपट, बुर्का, घूँघट, ओट, आड़
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मुझको यह आरजू है वह उठाएं नकाब खुद,
उनकी यह इल्तिजा तकाजा करे कोई।
-मजाज
1.नकाब
- घूँघट, मुखावरण, मुखपट
2.इल्तिजा
- प्रार्थना, दरखास्त
3.तकाजा - माँग, फर्माइश
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यह शर्मगीं निगाह,यह तबस्सुम निकाब में,
क्या बेहिजबियाँ है, तुम्हारे हिजाब में।
-जकी
1.शर्मगीं - शर्म से झुकी हुई
2.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कराहट,
स्मित, मंदहास
3.निकाब - (i) घूँघट, मुखावरण,
मुखापट (ii) ओट, आड़
4.बेहिजबियाँ - घूँघट हटा देना
5. हिजाब - आड़, पर्दा, ओट
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