वह राह सुझाते
है हमें हजरते - रहबर,
जिस राह पर उनको कभी चलते नहीं देखा।
-अर्श मल्सियानी
1.हजरते–रहबर - पथप्रदर्शक साहब
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शैख की दावत में मय का काम क्îया,
एहतियातन कुछ मंगा ली जाएगी।
-'अकबर' इलाहाबादी
1.शैख - धर्मोपदेशक, महात्मा
2.मय - शराब
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साहिल के तमाशाई हर डूबने वाले पर,
अफसोस तो करते हैं, इमदाद नहीं करते।
-फना निजामी
1. साहिल - किनारा
2. इमदाद -मदद,
सहायता
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हर मोड़ पै मिल जाते हैं हमदर्द हजारों,
शायद हमारी बस्ती में अदाकार बहुत हैं।
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