परीशाँ होने
वालों को सकूँ कुछ मिल भी सकता है
परीशाँ करने वालों की परेशानी नहीं जाती।
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पीछे-पीछे हसरतों का सिलसिला
आगे - आगे है परीशानी मेरी।
-दिल शाहजहांपुरी
1.हसरत - (i) निराशा, नाउम्मेदी (ii)
अभिलाषा, लालसा, इच्छा
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बहार आई चमन में और तू इतनी परीशां है,
बता बुलबुल! तुझे क्या दर्द है तू जिससे नाला है।
1.नाला -
अधिक, जियादा
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