अच्छा है डूब जाये सफीना हयात का,
उम्मीदो-आरजूओं का साहिल नहीं रहा।
-'असर' लखनवी
1.सफीना- नाव, नौका, किश्ती
2.हयात - जिन्दगी
2.साहिल- किनारा, तट
*****
अपना गम किस तरह से बयान करूँ,
आग लग जायेगी इस जमाने में।
-फिराक गोरखपुरी
*****
अपने ही दिल के आग में शम्अ पिघल गई,
शम्ए-हयात मौत के सांचे मे ढल गई।
-'असर' लखनवी
1.शम्ए-हयात- जिन्दगी की शम्अ
*****
अब जी रहा हूँ गर्दिशे-दौरां के साथ-साथ,
यह नागवार फर्ज अदा कर रहा हूँ मैं।
-शौरिश काश्मीरी
1.गर्दिशे-दौरां
समय का चक्कर, काल-चक्र, समय का
उलट-फेर।
2.नागवार - जो पसन्द न हो, जो अच्छा न
लगे
3.खल्वत एकान्त, तन्हाई, जहाँ
कोई दूसरा न हो।
*****
page
- 1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28-29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45-46-47-48-49-50-51-52-53-54-55-56-57-58
Next >>