एक हैं दोनों यास
हो या उम्मीद,
एक तड़पाए, एक बहलाए।
-तमकीन सरमस्त
1.यास-निराशा, नाउम्मेदी।
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ऐ इन्किलाबे-आलम
तू ही गवाह रहना,
काटी है उम्र हमने, पहलू बदल-बदल कर।
-'नजर' लखनवी
1.इन्किलाब-उलट-पुलट, परिवर्तन,
कालचक्र, समय का उलट-फेर, क्रांति , शासन की तब्दीली। 2.आलम-संसार,
दुनिया, जगत।
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ऐ
परतवे-खुरशीदे -जहाँताब इधर भी,
साये की तरह हम पर अजब वक्त पड़ा है।
-मिर्जा 'गालिब'
1.परतवे-खुरशीदे-जहाँताब-विश्व को
प्रकाशित करने वाले सूर्य की ज्योति।
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ऐ गमे-दुनिया तुझे क्या इल्म तेरे वास्ते,
किन बहानों से तबिअत राह पै लाई गई।
-'साहिर' लुधियानवी
1.इल्म-ज्ञान, जानकारी, विद्या,
विज्ञान, शिल्प, दस्तकारी, कला, फन, शिक्षा, तालीम।
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