सब्र करना सख्त मुश्किल है तड़पना सहल
है,
अपने बस का काम कर लेता हूँ आसाँ देखकर।
-यगाना चंगेजी
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सलीका आता है जिन्हें गमे - दौराँ में
जीने का,
वह इस तरह शीशे को पत्थर से टकराया नहीं करते।
-आसी उल्दानी
1.सलीका - (i) तमीज, शऊर
(ii) तहजीब, सभ्यता
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साया
भी शाखे-गुल का न हमको हुआ नसीब,
ऐसे कई बहार के मौसम गुजर गये।
-रियाज खैराबादी
1.शाखे-गुल- (i) फूलो की डाली (ii) प्रेमिका, माशूक
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सुकूने - कल्ब की दौलत कहाँ दुनिया-ए-फानी में,
बस इक गफलत-सी आ जाती है और वो भी जवानी में।
-'अकबर' इलाहाबादी
1.कल्ब -हृदय, मन, दिल 2. फानी-
नश्वर, नाशवान, मिट जाने वाला, न रहने
वाला
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