अदू सैयादो -
गुलचीं क्यों हुए मेरे निशेमन के,
ये तिनके भी है इस काबिल जिन्हें बर्बाद करते हैं।
-साकिब लखनवी
1.अदू - दुश्मन, शत्रु
2.सैयादो–गुलचीं - बहेलिया और माली
3. निशेमन -
आशियाना, नीड़, घोसला
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असीर करके हमें क्यों रिहा किया सैयाद,
वो हमसफीर भी छूटे, वो बाग भी न मिला।
-'जलाल' लखनवी
1.असीर - बंदी कैदी, कारावासी
2. सैयाद - बहेलिया, चिड़ीमार
3. हमसफीर - (i) बाग में साथ चहचहाने वाली चिड़ियाँ (ii) मित्र, दोस्त
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अहले-चमन को कैदे - कफस की है आरजू,
सैयाद से भी बढ़के सितम बागबाँ के हैं।
-ताजवर नजीबाबादी
1.अहले-चमन -
चमन में रहने वाले 2. कैदे-कफस
- पिंजड़े में कैद (पंछी)
3.सैयाद - बहेलिया 4.सितम
- जुल्म, अत्याचार
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इधर सैयाद फिरते थे उधर सैयाद फिरते थे,
कुछ अंदाज से मेरे गुलिस्तां में बहार आई।
-जगन्नाथ आजाद
1.सैयाद - बहेलिया 2.गुलिस्तां
- बगिया,बगीचा, उपवन
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