शेर-ओ-शायरी

संवेदनशीलता  (Sensitiveness) Next >>

जब तक दहाने - जख्म न पैदा करे कोई,
मुश्किल की तुमसे राहे-सुखन वा करे कोई।

-मिर्जा गालिब


1.दहाने – जख्म - घाव का मुंह (यानी संवेदनशीलता, हमदर्दी)

2.राहे-सुखन - शाइरी का रास्ता 3.वा - खोलना

 

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तमाम उम्र इसी एहतियात में गुजरी,
कि आशियाना कहीं शाखे-गुल पर बार नहीं।

-अंजुमन नाजिमी


1.शाखे-गुल - फूलों की डाली 2.बार - बोझ, भार

 

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बकद्रे-होश हर इक को यहाँ रंज मिलता है,
सुकून से रहते है यहाँ सिर्फ दीवाने।


1.बकद्रे-होश - संवेदनशील

 

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सबका दर्द वही बाँटेंगे जो दुख सहने वाले है,
साया करने वाले बादल, सर पै धूप संभाले हैं।


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