कुछ उम्मीदे-करम
में गुजरी है,
कुछ उम्मीदे-करम में गुजरेगी।
1.करम -
मेहरबानी, इनायत, कृपा
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कुछ कटी हिम्मते-सवाल में उम्र,
कुछ उम्मीदे-जवाब में गुजरी।
-फानी बदायुनी
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खिजां अब आयेगी
तो आयेगी ढलकर बहारों में,
कुछ इस अन्दाज से नज्मे-गुलिस्तां कर रहा हूँ मैं।
-'शफक' टौंकी
1.खिजां - पतझड़ की ऋतु 2. नज्म
- प्रबन्ध, व्यवस्था
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खिजां के लूट से बर्बादिए-चमन तो हुई,
यकीन आमादे -फस्ले-बहार कम न हुआ।
-'मजाज'
1.आमादे-फस्ले-बहार - वसन्त ऋतु का
आगमन
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