शेर-ओ-शायरी

<< Previous   उम्मीद  ( Hope )  Next >>

 कुछ उम्मीदे-करम में गुजरी है,
कुछ उम्मीदे-करम में गुजरेगी।

1.करम - मेहरबानी, इनायत, कृपा
 

*****


कुछ कटी हिम्मते-सवाल में उम्र,
कुछ उम्मीदे-जवाब में गुजरी।
-फानी बदायुनी

*****

खिजां अब आयेगी तो आयेगी ढलकर बहारों में,
कुछ इस अन्दाज से नज्मे-गुलिस्तां कर रहा हूँ मैं।
-'शफक' टौंकी


1.खिजां - पतझड़ की ऋतु 2. नज्म - प्रबन्ध, व्यवस्था

 

*****


खिजां के लूट से बर्बादिए-चमन तो हुई,
यकीन आमादे -फस्ले-बहार कम न हुआ।
-'मजाज'


1.आमादे-फस्ले-बहार - वसन्त ऋतु का आगमन


*****

                 

<< Previous  page - 1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13  Next >>