हाय वह
वक्त कि बेपिये बेहोशी थी,
हाय यह वक्त कि पीकर भी मख्मूर नहीं।
-मजाज
1. मख्मूर - नशे में चूर, उन्मत्त, मदोन्मत्त
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हुए पस्त
ऐसे कि उनकी खाक भी न उड़ती देखी,
रहे रहने को कितने इस जमीं पै आसमाँ बनकर।
-रियाज खैराबादी
1.पस्त - (i) लघु, छोटा (ii) नीचा (iii) अधम, नीच, कमीना
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हुए हैं इस कदर खम जमाने के हाथों,
कभी तीर थे, अब कमाँ हो गये हैं।
1.खम - (i) झुकाव, झुकना (ii) वक्र, टेढ़ा (iii) वक्रता, टेढ़ापन
2. कमाँ - धनुष, धनु, तीर चलाने का यंत्र
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