अपनों की दोस्ती ने सिखाया है यह सबक,
गैरों की दोस्ती भी इनायत से कम नहीं।
-'जोश' मल्सियानी
1.सबक - सीख, पाठ, 2. इनायत -
मेहरबानी
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अब दुनिया की रीति
यही है, किसकी मेहनत किसका फल,
काटने वाले और ही होंगे, हम तो बोने वाले हैं।
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असीराने – कफस
की आपबीती पूछते क्या हो,
यहां ऐ 'अम्न' कज्जकों से बदतर पासबाँ देखे।
-अम्न लखनवी
1.असीराने – कफस - पिंजरे में कैद पंछी
2.कज्जकों -
लूटेरे, डाकू 3. पासबाँ -
प्रहरी, रक्षक
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अहरमन की बंदगी, जिक्रे-खुदा के साथ-साथ,
हर जमाने में ब-अन्दाजे-दिगर होती रही।
-'असर' सहबाई
1.अहरमन - शैतान 2.बंदगी -
पूजा, इबाबदत, आराधना
3..ब-अन्दाजे-दिगर -
अपने-अपने दंग से
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