शेर-ओ-शायरी

  जिंदादिली (A tendency of mind to remain happy in all situations)  Next >>

अगर खो गया इक निशेमन तो क्या गम,
मुकामाते - आहो - फुगाँ और भी है।
कनाअत न कर आलमे-रंगो - बू पर,
चमन और भी आशियाँ और भी हैं।
तू शाही है परवाज है काम तेरा,
तेरे सामने आसमाँ और भी है।

-मोहम्मद इकबाल

1.निशेमन - आशियाना, घोंसला, नीड़
2. मुकामात - (i) स्थान, जगह (ii) पड़ाव, मंजिल (iii) प्रतिष्ठा, इज्जत
3. फुगाँ - आर्तनाद, फरियाद, नाला 4. कनाअत - पर्दा
5. आलमे-रंगो-बू - रंग और खुशबू की दुनिया (यानी दुनिया की रंगीनियाँ)
6. शाही - बाज पक्षी, श्येन 7.परवाज - उड़ान

 

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अगर छुट गये कारवाँ से तो क्या गम,
कभी शामिले - कारवाँ भी रहे हैं।

-मुजीब
 

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अच्छा है दिल के पास रहे पासबाने-अक्ल,
लेकिन कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दें।
-मोहम्मद इकबाल


1. पासबाने - द्वारपाल, प्रहरी

 

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अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं,
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी।
-साहिर लुधियानवी


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