हर रंग में रहेंगे हम जिन्दगी में कायम,
हम आशिकों का यारों मातम न कीजियेगा।
माना कि 'ताजवर' को नाकामियों ने मारा,
रोकर वकार उसका, यूँ कम न की जियेगा।
-'ताजवर' सांभरी
1.कायम - खड़ा होने वाला, बरकरार 2.मातम -
मरने वाले का गम
2.वकार - प्रतिष्ठा, इज्जत
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हवादिस से उलझकर मुस्कराना मेरी फितरत है,
मुझे दुश्वारियों पै अश्क बरसाना नहीं आता।
-मोहम्मद इकबाल खां 'जख्मी'
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हूँ मैं भी
तमाशाइ-ए-नैरंगे -तमन्ना,
मतलब नहीं कुछ इससे कि मतलब बर आये।
-मिर्जा गालिब
1.तमाशाइ-ए-नैरंगे-तमन्ना - तमन्नाओं के फरेब या तिलिस्म
का तमाशाई 2.बर- कामयाब, सफल
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हाय! वह वक्त जीस्त जब हंसकर,
मौत से हम-कनार होती है।
-अब्दुल हमीद 'अदम'
1.जीस्त - जिन्दगी 2. हम–कनार -
हमआगोश, एक दूसरे को
गोद में लिए, आलिंगित, बगलगीर
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हुए जो खूगरे-गम, ऐश का उन पर असर क्या हो,
खुशी को वो खुशी समझें, जो गम को गम समझते हैं।
-'जोश' मल्सियानी
1.खूगर - आदी, अभ्यस्त 2. ऐश -
भोग-विलास, विषयवासना,
खाने-पीने का सुख
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