शेर-ओ-शायरी
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दिल को
बर्बाद किए जाती है गम बदस्तूर किये जाती है, *****
2.
पस्ती -
(i)
निचाई,
निशेब (ii)
नीचता,
कमीनगी
*****
बात
करने में फूल झड़ते हैं,
बर्क गिरती है मुस्कराने
में, *****
बेखुदी
की शराब पीता हूँ,
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