शेर-ओ-शायरी

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 दिल को बर्बाद किए जाती है गम बदस्तूर किये जाती है,
 
मर चुकी सारी उम्मीदें 'अख्तर' आरजू है कि जिये जाती है।

 1.
बदस्तूर - पहले की तरह, पूर्ववत्
 

*****


 
पस्त कहता नहीं मैं पस्ती को,
 
अपनी तबिअत बुलंद रखता हूँ।

 1.
पस्त -  (i) नीचा (ii) लघु, छोटा (iii) नीच, अधम, कमीना

2. पस्ती - (i) निचाई, निशेब (ii) नीचता, कमीनगी
 

*****

 बात करने में फूल झड़ते हैं, बर्क गिरती है मुस्कराने में,
 
  नजरें जैसे फराखदिल साकी खुम, लुढाये मैखाने में।

 1.
बर्क - बिजली, तड़ित, चपला 2.फराखदिल - दिल खोलकर खाने-खिलाने या पीने-पिलाने वाला, दरियादिल 3.खुम - घड़ा, शराब रखने का मटका
 

*****

 

  बेखुदी की शराब पीता हूँ,
 
गफलतों के सहारे जीता हूँ।

*****

 

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