उसने महशर यहीं
देख लिया,
जिसने तेरा शबाब देखा है।
1.महशर
-
कयामत
2.शबाब
- (i)
जवानी,
यौवन,
युवावस्था (ii)
किसी
चीज की उत्तम अवस्था
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होने को यूँ तो लाख है अपने मगर
'अजीज',
अपना वही है,
वक्त पै जो काम आ गया।
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जीना मरना हिज्र के बीमार का क्या चीज है,
इक तेरे आने का नाम,
इक तेरे जाने का नाम।
1.हिज्र
-
वियोग,
विरह
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