शेर-ओ-शायरी

मंजूर अहमद  (Manzoor Ahmad)  

तुझे यह नाज कि जन्नत की भीक मांगूगा,
मुझे यह जिद् कि तकाजा मेरा उसूल नहीं।

1.
तकाजा - (i) मांग, दिये हुए रूपये या वस्तु की मांग (ii) आवश्यकता, जरूरत (iii) किसी काम के लिए किसी से बराबर कहना

 

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