शाखों से टूट जायें वह पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे औकात में रहे।
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शेर-ओ-शायरी
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शेर-ओ-शायरी
राहत इन्दौरी (Rahat Indori)
शाखों से टूट जायें वह पत्ते नहीं हैं हम, *****
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