शेर-ओ-शायरी

<< Previous   आशियाना  (Nest)  Next >>

नशेमन ही के लुट जाने का गम होता तो क्या गम था,
यहां तो लूटने वालों ने गुलशन बेच डाला है।


1.नशेमन - घोसला, कुलाय, नीड़

 

*****

निगाहे-शौक को शाखे-निहाले-गुल की तलाश,
हवाए-तुन्द की यह जिद कि आशियाँ न बने।


1. निगाहे-शौक
- अभिलाशा, उत्कंठा या ख्वाहिश की निगाह

 2. शाखे-निहाले-गुल - फलों से सजी हुई डाली 3. हवाए-तुन्द - तेज हवा
 

*****


निशेमन पर निशेमन इस कदर तामीर करता जा,
कि बिजली गिरते-गिरते आप खुद बेजार जो जाये।


1. तामीर - निमार्ण, बनाना 2. बेजार - परेशान

 

*****

पड़े है जो मुन्तशिर तिनके, उठा-उठा के सजा रहा हूँ,
खबर करे कोई बिजलियों को कि फिर निशेमन बना रहा हूँ।

-'नैयर' अकबराबादी


1. मुन्तशिर - बिखरे हुए 2. निशेमन - आशियाना, घोंसला
, नीड़
 

*****

 

<< Previous  page -1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15 Next>>