शेर-ओ-शायरी

<< Previous  हुस्न  (Beauty)   Next>>

पीते-पीते जब भी आया तेरी आंखों का खयाल,
मैंने अपने हाथ से तोड़े हैं पैमाने बहुत।
-हुनर टौंकी


1.पैमाना - शराब पीने का गिलास, पान-पात्र

 

*****

 

पुरकैफ किस तरह है सितमगर की गुफ्तगू,
सागर छलक रहा है मये-खुशगवार का।

-'असर' लखनवी


1.पुरकैफ - नशे मे चूर, मस्त, मदभरी 2.सितमगर - नशीली, सितम ढाने वाला, जालिम 3.गुफ्तगू - वार्तालाप, बात-चीत 4.सागर - शराब पीने का गिलास, पान-पात्र 5.खुशगवार - जो मन को अच्छा लगे, मनोवांछित

 

*****


पूछ न ऐ दोस्त मुझसे मेरी उलझन का सबब,
मैंने देखा है तेरी जुल्फे-परीशाँ की तरफ।

-तस्कीन अजमेरी


1.सबब - कारण, वजह

2.जुल्फे-परीशाँ - बिखरी हुई जुल्फें

 

*****
 

पूछा जो उनसे चाँद निकलता है किस तरह,
जुल्फों को रूख पै डालके झटका दिया कि यूँ।
-आर्जू लखनवी
 

*****


<< Previous  page -1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28-29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45-46-47-48-49-50-51-52-53-54-55-56-57-58-59-60-61-62-63-64-65-66-67-68-69-70-71-72-73-74      Next >>