शेर-ओ-शायरी

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कुछ मेरे बाद और भी आयेंगे काफिले वाले,
कांटे यहाँ रास्ते से हटालूँ तो चैन लूं।
-'तसव्वर'

 

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कुछ लोगों से जब तक मुलाकात न हुई थी,
मैं भी यह समझा था, खुदा सबसे बड़ा है।

 

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कोई हद ही नहीं शायद मुहब्बत के फसाने की,
सुनाता जा रहा है, जिसको जितना याद होता है।

 

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खाकसारी का है गाफिल बहुत ऊँचा मर्तबा,
यह जमीं वह है जिसमें आसमां कोई नहीं।
-'अलम' मुजफ्फरनगरी

1.खाकसारी - विनम्रता 2.गाफिल - असावधान,बेखबर

3. मर्तबा - पद,दर्ज़ा
 

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