शेर-ओ-शायरी

ख़ुदा  (God)  Next >>

अपना तो आशिकी का किस्सा-ए-मुख्तसर है,
हम जा मिले खुदा से दिलबर बदल-बदल कर।


1.किस्सा-ए-मुख्तसर- संक्षिप्त कहानी

 

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अब तो चलते हैं बुतकदे से ऐ 'मीर',
फिर मिलेंगे गर खुदा लाया।

-मीरतकी मीर

 

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आदम को मत खुदा कहो, आदम खुदा नही,
लेकिन खुदा के नूर से, आदम जुदा नहीं।


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आशिकी से मिलेगा खुदा,
बंदगी से खुदा नहीं मिलता।

-दाग
 

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