'अदम' इन्सान जब
गहरी नजर डाले हवादिस पर,
तो उसमें बेहतरी के भी बहुत असबाब होते है।
-अब्दुल हमीद अदम
1.हवादिस - हादिसा का बहुवचन, हादिसे,
दुर्घटनाएँ
2.असबाब - उपकरण, सामान
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अभी आस टूटी नहीं
है खुशी की,
अभी गम उठाने को जी चाहता है।
तबस्सुम हो जिसमें निहाँ जिन्दगी का,
वह आंसू बहाने को जी चाहता है।
- अंदलीब मालीगाँवी
1.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट
2.निहाँ - छुपा हुआ
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असीराने - कफस
को वास्ता क्या इन झमेलों से,
चमन में कब खिजां आई, चमन में कब बहार आई।
-नूह नारवी
1.असीराने–कफस - पिंजड़े में बंद
2. खिजां - पतझड़ की ऋतु
आदमी को सिर्फ
वहम है, पास उसके ही इतना गम है,
पूछो हंसते हुए चेहरों से, आंख भीतर से कितनी नम है।
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