नतीजा बेसबब
महफिल से उठवाने का क्या होगा,
न होंगे हम तो साकी तेरे मैखाने का क्या होगा।
1. बेसबब - अकारण, बेवजह
*****
नित नए
जख्म दिल के सीता हूँ,
जीना मुश्किल है फिर भी जीता हूँ।
खा न जाए मुझे गमे - हस्ती,
एहतियातन शराब पीता हूँ।
-नरेश कुमार'शाद'
1.गमे-हस्ती - जिन्दगी की तकलीफें
*****
पियूं शराब अगर खुम भी देख लूं दो चार,
ये शीशा-ओ-कदहो-कूजा और सुबू क्या है।
-मिर्जा गालिब
1.खुम - मटका 2. शीशा, कदह, कूजा और
सुबू -शराब पीने के आम बर्तन
*****
पिला दे औक से
साकी जो मुझसे नफरत है,
पियाला गर नहीं देता न दे, शराब तो दे।
-मिर्जा 'गालिब'
1.औक - अंजुली
*****
<<
Previous
page
-1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21
Next >>