शेर-ओ-शायरी

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इक तर्जे-तगाफुल है सो वह उनको मुबारक,
इक अर्जे-तमन्ना है, सो हम करते रहेंगे।
-फैज अहमद 'फैज'


1. तर्जे-तगाफुल- उपेक्षा या बेतवज्जुही की आदत या स्वभाव

2.अर्जे-तमन्ना - ख्वाहिश या आरजू की अभिव्यक्ति

 

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इक फूल है अंदेशा नहीं जिसको खिजाँ का,
वह जख्म जिसे आप ने दामन से हवा दी।

-असर लखनवी


1.खिजाँ - पतझड़ की ऋतु
 

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इक बार दिखाकर चले जाओ झलक अपनी,
हम जल्वा-ए-पैहम के तलबगार कहाँ है।

-हसरत मोहानी


1. जल्वा-ए-पैहम - लगातार दर्शन

2.तलबगार - ख्वाहिशमंद, मुश्ताक, अभिलाषी

 

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इतनी भी अच्छी नहीं बेकरारी,
अब आप से उन्स कम करेंगे।
-दाग


1.बेकरारी - व्याकुलता, बेचैनी, घबराहट 2.उन्स - लगाव, मुहब्बत, प्रेम

 

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