शेर-ओ-शायरी

<< Previous   उम्मीद ( Hope )

हजार बर्क गिरें, लाख आंधियां उठें,
वह फूल खिल के रहेंगे, जो खिलने वाले हैं।
-'साहिर' लुधियानवी


1.बर्क - बिजली


*****


हर खिजाँ के गुबार में हमने कारवाने - बहार देखा है,
कितने पंशमीनापोश जिस्मों में रूह को तारतार देखा है।
-अफसर मेरठी


1.खिजाँ - पतझड़ ऋतु 2.गुबार - धूल, रज, धुलि

3.कारवाने–बहार - बहार का काफिला 4.पंशमीनापोश - बेहतरीन ऊनी कपड़ों में छिपे या लिपटे 5.तारतार - टुकड़े-टुकड़े, रेजा-रेजा


*****

होके मायूस न आंगन से उखाड़ो पौधे,
धूप बरसी है तो बारिश भी यहीं पर होगी।

 

*****

 

<< Previous  page - 1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13