तू गम दे या खुशी, तुझे इख्तियार है,
हम बेनियाज हो गये,दामन पसारकर।
- अनवर मिर्जापुरी
1.बेनियाज - निस्पृह, जिसे किसी से कुछ लेने की इच्छा न हो
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तूले-गमे-हयात से घबरा न ऐ 'जिगर',
ऐसी भी कोई शाम है जिसकी सहर न हो।
-'जिगर' मुरादाबादी
1.तूल- (i) लम्बाई, दीर्घता, आयाम (ii) ढेर, अम्बार
2.हयात- जिन्दगी
3. सहर -
सुबह, सबेरा
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दिल गया,
रौनके-हयात गई,
गम गया, सारी कायनात गई।
-जिगर मुरादाबादी
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दिल गवारा नहीं करता शिकस्ते-उम्मीद,
हर तगाफुल पै नवाजिश का गुमाँ होता है।
-'रविश'सिद्दकी
1.शिकस्त - (i) हार, पराभव, पराजय (ii) टूट-फूट, शिकस्तगी
2. तगाफुल -
(i) उपेक्षा, बेतवज्जुही (ii) असावधानी, गफ्लत, ढील, बिलम्ब, देर
3. नवाजिश - कृपा, अनुकंपा, दया, मेहरबानी
4.गुमाँ - (i) शंका, शुबह (ii) भ्रम,
बदगुमानी, कुधारणा
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