शेर-ओ-शायरी

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मेरी खुशी तो मेरे गमों का लिबास है,
लेकिन जमाना इतना कहाँ गमशनास है।


1.गमशनास - गम को समझने वाला


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मेरे दर्द में निहाँ है वह निशाते-जाविदानी,
कि निचोड़ दूँ जो आहें, टपक पड़े तबस्सुम।

-'नाजिश' प्रतापगढ़ी


1.निहाँ - छिपा हुआ, निहित 2. निशाते-जाविदानी - शाश्वत आनन्द,

हमेशा रहने वाली खुशी 3.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट

 

 

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मेरे दिले-मायूस में क्यों कर न हो उम्मीद,
मुरझाये हुए फूल में क्या बू नहीं होती।

-'अख्तर' अंसारी


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मेरे दोस्तों की दिलआजारियों में,
मेरी बेहतरी की कोई बात होगी।

-अब्दुल हमीद 'अदम'


1.दिलआजारी- कोई ऐसी बात कहना या करना जिससे किसी

 का दिल दुखे, सताना, कष्ट देना

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