उठ गया कैस,
उठ गई लैला,
पर्दा अब तक न उठा महफिल का।
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ऐसी
किस्मत कहाँ कि जाम आता,
बू-ए-मय भी इधर नहीं आती।
1.जाम
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शराब
पीने का पियाला,
पानपात्र
2.
बू-ए-मय -
शराब या
मदिरा की सुगंध
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