शेर-ओ-शायरी

 

     रविश सिद्दीकी (Ravish Siddiqui)  Next >>

अब इससे क्या गरज कि हरम है कि दैर,
 
बैठे हैं हम तो साया -ए-दीवार देखकर।

 1.
हरम - खुदा का घर, काबा 2.दैर - बुतखाना, मूर्तिगृह, मंदिर
 

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आप कहते हैं बार-बार नहीं,
 
हमको हाँ का भी एतिबार नहीं।
 

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इश्क खुद खानुमा-खराब सही,
 
मगर जिन्दगी की पनाह है प्यारे।

 1.
खानुमा-खराब - घर बर्बाद करने वाला, जिसका परिवार और धन आदि नष्ट हो गया हो 2.पनाह - (i) आश्रय, सहारा, (ii) रक्षा, हिफाजत (iii) प्राण-रक्षा, बचाव
 

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क्या उसके बगैर जिन्दगानी,
 
माना वह हजार दिलशिकन है।

 1.
दिलशिकन - (i) दिल को तोड़ने वाला, रंज पहुंचाने वाला

 

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