शेर-ओ-शायरी

जोश मल्सियानी (Josh Malsiani)

इक मैं कि इन्तिजार में घड़ियाँ गिना करूँ,
इक तुम कि मुझसे आंख चुराकर चले गये।

-जोश मल्सियानी


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आता है जज्बे-दिल को यह अंदाजे-मैकशी,
रिन्दों में रिन्द भी रहें,दामन भी तर न हो।

-जोश मल्सियानी


1. जज्बे-दिल - दिल की कशिश 2. अंदाजे-मैकशी - शराब पीने का अंदाज 3. रिन्दों – शराबियों, मैकश, बादाक्ष्वार


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अपनों की दोस्ती ने सिखाया है यह सबक,
गैरों की दुश्मनी भी इनायत से कम नहीं।

-'जोश' मल्सियानी


1. इनायत - मेहरबानी


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अपनों की दोस्ती ने सिखाया है यह सबक,
गैरों की दोस्ती भी इनायत से कम नहीं।

-'जोश' मल्सियानी


1. सबक - सीख, पाठ 2. इनायत - मेहरबानी