शेर-ओ-शायरी

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बस इम लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,
मरीजे-गम की यह हालत सुधर तो सकती है

-'सलाम' मछलीशहरी

1.लतीफ - (i) कोमल, नर्म, मृदुल, नाजुक (ii) पवित्र, पाकसाफ

2.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट, स्मित
 

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बात करने में फूल झड़ते हैं, बर्क गिरती है मुस्कराने में,
नजरें जैसे फराखदिल सांकी खुम लुढाये मैखाने में।
-'अख्तर' अंसारी


1.बर्क - बिजली, तड़ित, चपला 2.फराखदिल - दिल खोलकर खाने-खिलाने या पीने-पिलाने वाला, दरियादिल 3.खुम - घड़ा, शराब रखने का मटका

 

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मुस्कराती हुई यूँ आई वह मैखाने में,
रूक गई साँस छलकते हुए पैमानों की।
-'जोश' मलीहाबादी


1. मैखाना- शराबखाना 2. पैमाना - शराब पीने का पियाला, पान-पात्र

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यह मुस्कुराती हुई आंखें जिनमें रक्स करती है बहार,
शफक की, गुल की, बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।
-'फिराक' गोरखपुरी


1.रक्स - नृत्य

2. शफक - सबेरे या शाम की लालिमा जो छितिज पर दिखाई देती है
 

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