शेर-ओ-शायरी

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खूबियाँ लाख किसी में हों तो जाहिर न करें,
लोग करते हैं बुरी बात का चर्चा कैसा।
 

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जज्ब-ए-इश्क सलामत है तो इन्शा अल्लाह,
 
कच्चे धागे में चले आयेंगे सरकार बंधे।

 1.
इश्क - दिल की कशिश, प्रेमाकर्षण
 2.
इन्शा अल्लाह - यदि ईश्वर ने चाहा
 

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तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते,
 
अगर अपनी जिन्दगी पर हमें एतबार होता।

 1.
सितमगर - सितम करने वाला, अत्याचारी
 

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दाग दुशमन से भी झुककर मिलिए,
 
  कुछ अजीब चीज है मिलनसारी।
 

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