खूबियाँ लाख किसी में हों तो जाहिर न करें,
लोग करते हैं बुरी बात का चर्चा कैसा।
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जज्ब-ए-इश्क सलामत है तो इन्शा अल्लाह,
कच्चे धागे में चले आयेंगे सरकार बंधे।
1.इश्क
-
दिल की
कशिश,
प्रेमाकर्षण
2.
इन्शा
अल्लाह -
यदि
ईश्वर ने चाहा
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तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते,
अगर अपनी जिन्दगी पर हमें एतबार होता।
1.सितमगर
-
सितम
करने
वाला,
अत्याचारी
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दाग दुशमन से भी झुककर मिलिए,
कुछ अजीब चीज है मिलनसारी।
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